निकाह का कानून अल्लाह का
बनाया हुआ एक पाक रिश्ता है जो दो जिस्म को एक जान कर देता है। और शादी किसी भी नौजवान मर्द
औरत के लिए एक ज़रूरत भी है। बाप दहेज़ जमा करते करते बूढ़ा हो जाता है और बेटी तीस पैंतीस
साल घर मे बैठी रह जाती है, बेटा घर बनाते बनाते
चालीस साल का हो जाता है और फ़ालतू रीत रिवाज ने सुन्नत को मुश्किल और ज़िना को आसान बना दिया है।
जिसका नतीजा यह है कि आज की युवा पीढ़ी (नौजवान नस्ल) ज़िना का दलदल में फंसती चली जा रही है।
अल्लाह के वास्ते वालिदैन इस बात को समझें और
अपने बच्चों का निकाह जल्द और सादगी से करें।
अल्लाहुम्मा इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
अबु अदीम फ़लाही
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