हजरत अब्दुल्लाह बिन अम्र बिन आस रज़ि से रिवायत है कि रसूलल्लाह सल्ल. ने फ़रमाया:
दुनिया मताअ है और इस दुनिया का बेहतरीन मताअ नेक और सालेह बीवी है।
बाहवाला
◆सहीह मुस्लिम 3649
◆मिश्कात उल मसाबीह 3083
◆सुनन नसाई 3234
लफ्ज़ ‘मताअ‘ के मायने पूँजी, बरतने(इस्तेमाल) की चीज, या फ़ायदेमंद चीज के होते है।
◆ इस लिहाज से नबी सल्ल. ने इस दुनिया की सारी पूँजी और फायदेमंद चीजों से बढ़कर एक नेक बीवी को बेहतरीन मताअ करार दिया है।